अर्पण तर्पण भर्पण दर्पण, जिसमें गुजरा उसका हर क्षण।। अर्पण तर्पण भर्पण दर्पण, जिसमें गुजरा उसका हर क्षण।।
देख दहेज के दानव को प्रभु, सिसक रही कहीं सृष्टि सृजिका। देख दहेज के दानव को प्रभु, सिसक रही कहीं सृष्टि सृजिका।
मेरे दिल की धड़कन माँ मेरे दिल में महफूज़ हैं आप माँ. मेरे दिल की धड़कन माँ मेरे दिल में महफूज़ हैं आप माँ.
कन्या भ्रूण हत्या के कारण बेटी की व्यथा कन्या भ्रूण हत्या के कारण बेटी की व्यथा
भगवान के घर अंधेर नहीं भगवान के घर अंधेर नहीं
उसको दीन हीन न समझो, उसी से तो सारी सृष्टि है, जब सृष्टि है उससे तो उसका तुम सम्मान करो। उसको दीन हीन न समझो, उसी से तो सारी सृष्टि है, जब सृष्टि है उससे तो उसका तुम...